नमस्कार दोस्तों आज हम आलू की फसल में लगने वाली जुलसा रोग की बीमारी की रोकथाम के लिए कुछ प्रोडक्ट की बात करेंगे
आलू में लगने वाली ब्लाइट एक बैक्टीरियल या फंगस जनित बीमारी है, जो आलू के पौधों को प्रभावित करती है। इसे मुख्यतः Late Blight (फाइटोफ्थोरा इंफेस्टन्स) कहा जाता है और यह बीमारी आलू के पौधों के पत्तों, तनों, और आलू के कंदों पर हमला करती है। आप image में देख सकते हैं

लक्षण:
1. पत्तों पर धब्बे: आलू के पत्तों पर पानी जैसे धब्बे दिखाई देते हैं, जो धीरे-धीरे बड़े होकर पूरे पत्ते को घेर लेते हैं। यह धब्बे भूरे रंग के हो सकते हैं और इसके किनारे पर पीला रंग भी दिखाई दे सकता है।
2. तनो और कंदों पर असर: रोग से प्रभावित तने सड़ने लगते हैं और कंद भी सड़ सकते हैं।
3. फंगस का फैलाव: इस रोग में फंगस के धुएं जैसे सफेद रंग के पैच पत्तों के निचले हिस्से में दिखाई दे सकते हैं, खासकर जब मौसम नम होता है।
वही बात करें early blight कि तो आलू में अर्ली ब्लाइट भी एक प्रकार का फफूंदीय रोग है, जो आमतौर पर आलू के पत्तों, तनों और कभी-कभी जड़ों को प्रभावित करता है। यह “Alternaria solani” नामक फफूंद (fungus) के कारण होता है। अर्ली ब्लाइट से आलू की फसल में उत्पादकता में कमी हो सकती है और यह आलू की गुणवत्ता को भी प्रभावित करता है। इसके मुख्य लक्षणों में पत्तों पर हल्के भूरे रंग के धब्बे, पत्तियों का मुड़ना और सूखना शामिल हैं। आप image में देख सकते हैं

कारण:
यह बीमारी मुख्यतः”Alternaria solani” नामक फफूंद (fungus) के कारण फैलती है, जो वातावरण में नमी के कारण और ठंडे मौसम में तेजी से फैलती है।
नियंत्रण के उपाय:
आलू में लेट ब्लाइट और अर्ली ब्लाइट यदि जादा मात्रा मे दिखे तो daimethomorph 50%+metiram70 दोनो fungiside को मिलाकर छिड़काव करना चाहिए ये दोनो fungiside basf कम्पनी के acrobat complite प्रोडक्ट मे मिल जाएगा आप नीचे फोटो में देख सकते हैं

या फिर basf कम्पनी का ही एक और fungicide ले सकते है जो कि बाजार में Cabrio top के नाम से आता है इसका भी late blight और early blight पर अच्छा कंट्रोल है आप फोटो में देख सकते हैं

ब्लाइट से बचाव के लिए इन फंगीसिड्स का समय-समय पर छिड़काव करना चाहिए
और दवाई से रिलेटेड कोई भी प्रश्न हो तो नीचे कमेंट करके पूछे धन्यवाद